खिड़की – रोशनदान, बारी, दरीचा, वातायन,गवाक्ष,झरोखा। किरण – अंशु, रश्मि, कला, कर, गो, प्रभा, दीधिति, मयूख, मरीचि। मेरा विचार तो ये है कि जब भी अवसर मिले इनका प्रयोग अपने लेखन-कौशल को बढ़ाने के लिए करते रहना चाहिए. शराबी – मद्यप, पियक्कड़, दारूबाज, मदिरासेवी। झोंपड़ी – पर्णकुटी, पर्णशाला, कुटी, कुटिया, https://shabdvyom.in